नागरिक संशोधन कानून को लेकर विपक्ष देश में केवल और केवल अराजकता फैलाने का काम कर रहा है । विदित हो कि यह कानून किसी की भी नागरिकता छीनने का है ही नहीं , वरन् नागरिकता प्रदान करने का कानून है ।
विपक्षी दलों ने अपने तुच्छ राजनैतिक स्वार्थ के चलते इसे एक हिंसक रूप दे दिया है । इससे बाह्य सुरक्षा के साथ-साथ आंतरिक सुरक्षा को भी दाव पर लगा दिया है । यह एक घृणित कार्य विपक्ष के द्वारा किया जा रहा है । ऐसे हिंसक आंदोलन से देश का आंतरिक सुरक्षा परिदृश्य भयावह हो गया है ।
आंदोलन समाज और देश को दिशा दे सकते हैं, किंतु आंदोलन अराजक और हिंसक हो जाने पर केवल देश और समाज की क्षति करने का कार्य ही करते हैं ।ऐसे दिशा भ्रमित आंदोलन राजनैतिक कर्मकांड हो ही नहीं सकते ।
अहिंसक आंदोलन की व्यवस्था हमारा संविधान देता है , लेकिन साथ ही संवैधानिक कर्तव्य भी जुड़े हैं ।संविधान का अनुच्छेद 51 ए /बी बताता है कि " सार्वजनिक संपत्ति की सुरक्षा एवं हिंसा से दूर रहना " एक संवैधानिक कर्तव्य भी है ।
ऐसी अराजकता फैलाने वाली राजनीति का समाज में कोई स्थान नहीं होना चाहिए । किंतु सब कुछ विपरीत हो रहा है । तुच्छ राजनैतिक स्वार्थ के चलते भ्रम फैलाया जा रहा है, अराजकता फैलाई जा रही है । 99 % लोगों को तो सीएए की जानकारी ही नहीं है । CAA और NRC का घालमेल कर अनपढ़ जनता को भ्रमित किया जा रहा है । जबकि NRC की प्रक्रिया अभी प्रारंभ ही नहीं हुई है ।
दुर्भाग्य की बात यह है कि अनेक तथाकथित ' सेलिब्रिटी ' भी विरोध का झंडा उठाये घूम रहे हैं ।